STORYMIRROR

sarika k Aiwale

Romance Tragedy Action

4  

sarika k Aiwale

Romance Tragedy Action

दिल सवाल करे है...

दिल सवाल करे है...

1 min
246

दिल सवाल करे है.. 

बेचैनी सी क्यूं जी रहे हो 

मौत को गले लगाये 

जिंदगी क्यूं माँग रहे हो... 


राहतों से न जाने कितने दूर हुये है.. 

बेचैनी से अपना एक रिश्ता बना है..

चाहतों की वादियाँ लौ गाफीर हुयी 

गुस्ताख दिल फिर बेपरवाह हो चला है

ऊंची गिरोह से झाँक कर देख रहे हो

गुजर रहे राहगीर मैं कोई अपना न हो

दूर से ही दिल नवाजी खुब कर रहे

हाल पुछने का यह तरीका भी खुब है

बेचैन दिल का वास्ता नहीं अब जिनसे 

वो भी आज यूं ही तिलमिला रहे हैं.. 


दिल गुस्ताखियाँ तू कुछ कम कर ले 

राह तो अकेले की हमें थी काटनी 

साथ में वादियाँ करवट लेने लगी... 

बेचैन दिल की धड़कन सुन रही लो

बदल गयी जमाने शीशे में हमारी शक्ल 

राहतों की गलियों की फिराक में ये दिल 

तू खो चला अपनी तस्वीर ए अहमियत... 

ना भूलकर जिया जाये ना यादों से..

हल्की हल्की मायूसी झलक रही जो 

कहीं इस बेचैन दिल की नाराजगी तो नहीं.. 


जो तेरे लिये तेरे सा बर्ताव कर रही जो

वो तेरी ही हम राही वो साँसे तो नहीं 

जो कभी हमारे नाम लिख दी तूने .. 

बेचैन गलियों की तोहमतें लिये 

यूं ही कभी रातों की सिलवटों में ढूंढती 

अपनों की की ताबिर याद दिलाती.. 

नजर शायद उन्हीं बेचैन बेसब्र पल को याद किये जा रही.. 


ये दिल बता तू मेरा है या उस दुश्मन का ..

जो दीये की लौ में आज भी जिन्दा है... 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance