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Sonam Kewat

Action Inspirational

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Sonam Kewat

Action Inspirational

कर्म करो फल की चिंता मत करो

कर्म करो फल की चिंता मत करो

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मैं दिन-रात काम करती हूं 

कभी काम करने से नहीं डरती हूँ 

खुद के अंदर झांक रहीं हूँ

बुरी आदतों को निकाल रही हूं 


हर आए दिन अपने ही 

अंदर कुछ तलाश करती हूँ 

कोई नहीं साथ तो क्या हुआ 

अकेले खुद से बात करतीं हूँ


अपनों ने ठुकराया मुझे 

परायों ने दुत्कारा मुझे

कभी मौत की चाह रखती थी

अब सबसे मिला छुटकारा मुझे 


क्यों तुम्हें क्या लगता है कि

सब कुछ मुझे यूँ ही मिला है 

अरे नहीं नहीं ये सब तो आखिर 

मेरे कर्मों का ही सिला है 


इसलिए सिर्फ काम और काम 

क्योंकि इन्हीं से होगा मेरा नाम 

काम के बिना अब कुछ नहीं होगा

दुनिया सिर्फ करतीं हैं बदनाम


हां पता है कि वक्त लगता है 

सबको नतीजे जानने के लिए पर 

मुझे तो इतना वक्त लगता है कि

निराशा होती है कुछ भी पाने के लिए 


पर आंखें बंद कर लेतीं हूँ तो मुझे

भगवद् गीता की बात याद आती है 

फिर से नया जुनून लेकर आती है

बात पते की है तुम भी याद करो 

कर्म करो पर फल की चिंता मत करो


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