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Devendra Kumar Sharma

Abstract Action Inspirational

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Devendra Kumar Sharma

Abstract Action Inspirational

अपने भारत की महिमा अपार हो

अपने भारत की महिमा अपार हो

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आजादी अमृत उत्सव में, हर्षित सभी नयन।

हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।

महापुरुषों के अनुगामी बन,

सदा खिलें उपवन में।

नवाचार करने की हिम्मत,

दिखलायें जीवन में।

तभी हमारा नाम जगत में,

चमकेगा हर क्षण।


हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।

शारीरिक मजबूती हमारी,

दुश्मन दूर भगाये।

मानसिक बल तब ही पनपे,

हर उलझन सुलझाये।

नित्य प्रति जब करें योग तो,

स्वस्थ रहे तन मन।


हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।

धन तो आता जाता है मित्रो,

मान और मर्यादा रखें।

इस ललचाती दुनिया में,

चारित्रिक दृढता रखें।


विद्या बुद्धि मेहनत के बल,

झुक जाये गगन।

हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।


शिक्षा संस्कार के बल पर,

छूलें हम बुलन्दियां।

कोई भी हमको रोक न पाये,

चाहे कैसी भी आंधियां।

बन सबकी आखोँ के तारे,

सदा रहें प्रसन्न ।

हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।


हे माँ ऐसी ज्ञान कृपा कर,

जन जन का मन बदले।

अमन चैन भाईचारे का,

बीज हर जगह पनपे।

तभी देश खुशहाल रहे,

और बोले हर मन।

हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।


खुली हवा में श्वांस ले रहे,

श्रेय है अमर शहीदों को।

देश की खातिर बिलख छोड़ गये,

अपने प्यारे स्वजनों को।

उनके सपनों का भारत हो,

ऐसे करें जतन।

हम ही देश के कर्णधार हैं,हमसे है ये वतन।

अपने भारत की महिमा अपार हो,

सारी दुनिया में जय जयकार हो।।


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