अतीत, वर्तमान और भविष्य
अतीत, वर्तमान और भविष्य
कभी कभी जब अकेले मे होता हूँ
तो अपने आप से बात करता हूँ
कभी हसता हूँ तो कभी रोता हूँ
फिर कभी अपने आप को कोसता हूँ
कभी मन को बहुत सवाल करता हूँ
अगर सपने सच होता तो क्या होते?
दुनिया मे सब कुछ अच्छे ही होते
किसीकी आँखों मे कभी आँशु नहीं आते
सबकी ओठों पे सिर्फ मुस्कुराहट दिखाई देते
मन की बागीचे मे नई फूल खिलते
सोच बदल जाते और रिश्ते मजबूत होते
नहीं होती कहाँ कभी नफरत की बातें
सब मिल जुल के प्यार ही बाँटते
सच हों जाती यहाँ भाईचारे की बातें
कोई झूठे और फरेबी तो नहीं होते
प्यार मे कोई किसीको धोका नहीं देते
और कोई यहाँ बेवफा फिर नहीं होते
कोई किसीका फिर भरोसा कभी नहीं तोड़ते
झूठे शान के खातिर लड़ाई नहीं होते
और आज ये सवाल पैदा नहीं होते
जवाब सुनके तब हैरान भी नहीं होते
की अतीत भी कभी पीछा नहीं छोड़ते।
अगर सपने देखनी है तो अच्छा देखो
उसको पुरे करने की तरीके को शिखो
और उसके लिए कुछ रस्ता खुद सोचो
जो बीत गए, उससे कुछ अच्छाई सीखो
गलतियों को सुधार के आगे बढ़ने सोचो
कुछ करने से तो गलतियां होते समझो
पर कभी अपने आप को ना रोको
सुख चैन की नाटक करना मत शिखो
वक़्त पे एक दुशरे की आँसू पोछो
झूठ का सहारा छोड़के, सच बोलना शिखो
रिश्ते जो है उसे जरा तुम परखो
और उसकी सही आदर सम्मान करना शिखो
नई सोच के साथ फिर चलना सिखो
और फिर मन को शान्त करके सोचो
उसमे नई सबेरा दिखेगा, गहराई से देखो
अब इस वर्तमान मे जीने का सोचो।
आनेवाला कल के लिए ये रास्ता दिखलाएगा
सबकी जिन्देगी मे ढेर खुशियाँ भर देगा
हर रिश्ते को और भी मजबूती देगा
तन्हाई भी यार कहीं दूर चला जाएगा
सबकी ओठों पे फिर मुस्कान ही खिलेगा
आँखों से फिर सबकी खुशियाँ ही झलकेगा
मन की बागीचे में फिर नई फूल खिलेगा
उसके महक सारा दुनिया मे फिर फैलेगा
फिरसे नई नई सपने नई उमँग भरेगा
सबकी जिन्दगी फिर बेहतर ही होने लगेगा
ये सारे नई पक्के सोच से मिलेगा
इस सोच के साथ आगे बढ़ना होगा
सच्ची लगन से अपनी कर्म करना होगा
झूठ की नटोंकी को बन्द करना होगा
जिन्दगी को एक नई दिशा देना होगा
तब अपनी भविष्य मे सुन्हरा पल आएगा।
