ऑनलाइन से ऑफलाइन
ऑनलाइन से ऑफलाइन
कोरोना के बढ़ने पर आया ,
ऑनलाइन का दौर !
महामारी के बढ़ते ही..
सबने किया गौर ...
ये तो छुआछूत सा ..
देखो बढ़ता जाए !!
चाहे रात हो दिन हो ..
या हो जाए भोर ..
फिर तो स्कूल कॉलेज,
ऑफिस में, हर कार्यालय में
मच गया एक ही स्वर में
एक ही शोर !!
अब तो ऑफलाइन..
न होगा कोई भी काम !!
बस घर में ही करेंगे
हम सब सारे काम..
चाहे उज्ज्वल प्रभात हो ..
या हो थकी सी शाम !!
चाहे दिन का उजियारा हो ..
या अंधेरे हो तमाम !
पर ऐसे समय में..
कोरोना योद्धाओं को..
हम सब करें प्रणाम !!
उन्होंने रात दिन न्योछावर कर दिए,
अपने तन मन और प्राण ।
कोरोना योद्धाओं ने अपने कर्तव्य निभाए !
डॉक्टर नर्स ने सैकड़ों लोगों के प्राण बचाए !!
जब हम सब ऑनलाइन से करते थे काम !
तब ये कोरोना योद्धा घर से ..
बाहर जाते थे सुबह हो या शाम !!
पुलिस कर्मियो ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई !
मीडिया कर्मियों ने भी हर मूल्यवान जानकारी,
को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाई !!
अस्पताल में हर कर्मचारी ने भी,
हिम्मत न कभी हारी , हर पल हर सैकेंड,
में पूरी की हर जिम्मेदारी ।
यही नहीं शिक्षक समुदाय ने भी ,
कोरोना काल में राशन बांटने का किया !
पुण्य से भरा कर्म !!
और डिस्पेंसरी में वैक्सिनेशन में भी,
पूरित किया अपना धर्म
सकारात्मक विचारों को नित विद्यार्थियों तक पहुंचाया
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों का दायित्व निभाया
इस वर्ष हम इन सारे कोरोना योद्धाओं को करें सलाम
इन कोरोना योद्धाओं को सरकार दे अच्छा सा इनाम।
