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Dinesh Dubey

Tragedy

4  

Dinesh Dubey

Tragedy

गहरे जख्म

गहरे जख्म

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ना तीर से ना तलवार से 

ना गोली से ना मार से,

गहरे जख्म देते है सभी 

अपने ही बड़े ही प्यार से।


भर जाते हैं बड़े बड़े जख्म

जो मिलते हैं दुश्मनों की मार से 

उस से भी बड़ा जख्म होता है,

जो मिलता है अपनो की जुबान से।।


जख्म देता है ये बेदर्द ज़माना

हर बात पर जब देता है ताना,

भर जाते हैं बड़े बड़े जख्म,

पर दिल में लगे जख्म नासूर

बनकर दर्द देता है जीवन भर।।


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