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Richa Goswami

Tragedy Inspirational

4.7  

Richa Goswami

Tragedy Inspirational

#नवरात्रि डायरीज# पांचवा हरा

#नवरात्रि डायरीज# पांचवा हरा

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339


कुदरत का कहर यूं बरपा है

पेड़ कटने से , सांसों को मोहताज हुए हैं

कुदरत से बड़ा खुद को समझने का गुरूर

जो तुमको हुआ है

प्राकृतिक आपदा से क्षण में वो चकनाचूर हुआ है

हद से ज्यादा तिरस्कार ना कर कुदरत का

उसी से जन्मा है, उसी में मिल जायेगा

किसी का हस्तक्षेप नहीं सहता तू

तो कुदरत को क्यों खुद का गुलाम बना रहा है



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