निरर्थक लोग
निरर्थक लोग
लोग बाज़ आते नहीं,
करें निरर्थक बात,
आतंकी नेताओं की,
एक जैसी है जात,
एक जैसी है जात,
भटके को नहीं समझाते,
बिना बात की बात,
बरगला कर भड़काते,
कहे चिलमची पुचकारे से,
नहीं कटेगा रोग,
दंड भेद की भाषा को ही,
अब समझेंगे लोग।
लोग बाज़ आते नहीं,
करें निरर्थक बात,
आतंकी नेताओं की,
एक जैसी है जात,
एक जैसी है जात,
भटके को नहीं समझाते,
बिना बात की बात,
बरगला कर भड़काते,
कहे चिलमची पुचकारे से,
नहीं कटेगा रोग,
दंड भेद की भाषा को ही,
अब समझेंगे लोग।