परिभाषाएं...
परिभाषाएं...
सब तर्क कुतर्क
परे रखकर
धीरे-धीरे
बलवान हुआ
हर रोज़ ये संकट
गहरा कर
मौतों का
साज सामान हुआ
कैसे रोकें
कितना टोकें
परवान चढ़ गया कोरोना
कर कर के थक गए
लाख यतन
घर गांव बढ़ गया कोरोना
देशों की सीमा
लांघ लांघ
ऊंची मीनारें
फांद फांद
विकराल रुप ले
प्रकट हुआ
जाति पाति को
धता बता
हर शहर देश घर
छद्म भेष धर
द्वारों पर अड गया कोरोना
कैसे रोकें
कितना टोकें
परवान चढ़ गया कोरोना
वेशक सीमाऐं
सील हुईं
वीरान कूप नल
झील हुईं
मंदिर मस्जिद
देवालय सब
गुरुद्वारों से
गायब हैं रब
मंगल आरती
और भोगों पर
अब ताले जड़ गया कोरोना
कैसे रोकें
कितना टोकें
परवान चढ़ गया कोरोना
आवा-जाही पर
रोक लगी
देशों की सीमा
अटल जगी
जो जहां फंसा था
वहीं रुका
अकडू खां घूमे
झुका झुका
जीवन जीने का
'राज़' अलग कुछ
खास गढ़ गया कोरोना
कैसे रोकें
कितना टोकें
परवान चढ़ गया कोरोना
हिलना डुलना
मंजूर नहीं
तन राखो सबसे
दूर कहीं
घर में भी
सोसल डिस्टेंसिंग
सबका एक शत्रु
बस जिन पिंग
जिसकी खातिर
इतिहास बना
दुःख गान बन गया कोरोना
कैसे रोकें
कितना टोकें
परवान चढ़ गया कोरोना
अब हरि को
दर्शन नहीं नर के
नर सपने ले
हरि के दर के
नहीं उठती कहीं
अज़ान कोई
नहीं रूपों का
गुणगान कोई
कौन कहे और
सुने कौन
दीवार अड गया कोरोना
कैसे रोकें
कितना टोकें
परवान चढ़ गया कोरोना
प्राणों का घातक
प्रकट हुआ
नित नित प्रभाव कुछ
अकट हुआ
तन मन धन का
अति शोषक है
मेल-जोल
पारितोषक है
लापरवाही पर
पड़ता भारी
पट प्राण हर गया कोरोना।