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Mahesh Sharma Chilamchi

Abstract

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Mahesh Sharma Chilamchi

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उम्मीद

उम्मीद

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आशा न छोड़ना तुम

धीरज न त्याग करना

संकट भरा समय है

उम्मीद न बिसरना


अंधियारा छा रहा है

कर्त्तव्य पथ कठिन है

उम्मीद के सहारे

ये 'राज़' मन मगन है


हिम्मत के साथ साहस का

जोड़ जमा रखना

हाथों से हाथ मिलकर

एक शक्ति पुंज होगा


मिल जाएंगे कदम जब

निश्तार धुंध होगा

है स्याह यामिनी पर

उम्मीद भारी रखना


राहों के कांटे दुस्कर

छांटेगे मिल के सारे

तूफान में भी आखिर

मिल जाते हैं किनारे


उम्मीद में पगी रख

अपनी सतत् सुफुरना।


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