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Preshit Gajbhiye

Drama Romance Others

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Preshit Gajbhiye

Drama Romance Others

इसी एक मतलब से शराब को हाथ लगा लेता हूं.

इसी एक मतलब से शराब को हाथ लगा लेता हूं.

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कभी कभी मेरा पीना उसे भी अच्छा लगता है,

उसका ये मानना है की मैं नशे में 

बहुत प्यारी बातें करता हूं 

और अब अकसर शराब के नशे में,

मैं उसे फोन लगा लेता हूं ..

कभी खुद के number से

कभी किसी और के,

खामोशी से,

बस उसकी hello की आवाज़ सुनता रहता हूं ..

अनजान Number से फोन करने पर

जब मैं अपनी नम आंखों को 

सहेजते हुए लंबी सांस लेता हूँ

तो वो पहचान जाति है और

मेरा नाम लेकर मुझ से पूछती है 

’आज फिर पी कर आए हो न तुम ‘?

मैं कुछ ना बोल पाता, गले से निकले शब्द 

लबों पर ही रुक जाते,

और पल भर की चुप्पी को तोड़ते हुए 

वो खुद ही बोल पढ़ती,

घर बराबर जाना, अपना ख्याल रखना

और हां खाना खा कर जल्दी सो जाना,

सुबह office भी जाना होगा तुम्हें ..

कितना अच्छे से जानती है यार वो मुझे 

बस ये सोच कर बगैर बात किए 

मैं आखिर फोन रख देता हूं..

अब मुझे भी कुछ खास पसंद नहीं है पीना,

बस इसी एक मतलब से मैं कभी कभी 

शराब को हाथ लगा लेता हूँ ..



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