क्या ये आप ठीक कर रहे हैं
क्या ये आप ठीक कर रहे हैं
कैसे तुम्हे ये सब नहीं दिख रहा ,
के हम सब तुम्हारी कितनी 'फिक्र' कर रहे हैं ..
तुम्हारे हाथो की गई सजावटें ही
रौनक लाती हैं इस घर में ,
बात-बात पर सब तुम्हारा ''ज़िक्र' कर रहे हैं ..
सजने संवरने के बाद
मैं ही तो अच्छी तस्वीर लेता हूं तुम्हारी ,
घर के ‘आईने' भी अब तुम्हारी तारीफ कर रहे हैं ..
इन मिठाइयों के डब्बों से आती मीठी सी खुशबू ,
तुम्हारे एहसास को मेरे नज़दीक कर रहे हैं ..
ये आंगन में सजे दियों की 'बातियां' ,
तुम्हारे हाथो रौशन होने की ज़िद कर रहे हैं ..
ये फूल,पटाखे,रंगोलियां इंतजार में हैं ,
और इन्हे इंतजार करवा कर
बताना ज़रा ,क्या आप ये ठीक कर रहे हैं ?
