मोगरा जो गुलाब नही है...
मोगरा जो गुलाब नही है...
बाग़ीचे में गुलाब, गुलदाउदी, रंग बिरंगी बोगनवेलिया, मधुमालती और मोगरा भी है...
हर कोई उन रंगबिरंगी फूलों की तारीफ़ कर रहा था...
लेकिन गुलाब को लोग ज्यादा तवज़्ज़ो दे रहे थे...
कोई तो गुलाब को फूलों का राजा भी कह रहा था...
मोगरें की तरफ़ कोई देख ही नही रहा था...
मोगरें को कॉम्प्लेक्स हुआ...
थोड़ी जेलसी भी हुयी...
मारे कॉम्प्लेक्स से मोगरे का सफ़ेद फूल उन खूबसूरत गुलाबों के बीच छुपने लगा
लेकिन उसकी ख़ुशबू तो कहाँ छुप सकती थी?
थोड़ी देर में एक लड़की बाग़ीचे में आयी
मोगरें की ख़ुशबू उसे खींच कर मोगरें की बेल की तरफ़ ले आयी
उस छुपे हुए मोगरें के फूलों को उसने ढूँढ लिया
मोगरें को अपनी स्पेशालिटी का अहसास हुआ....
उसका कॉन्फिडेंस बढ़ गया....
वह समझ गया कि इन गुलाबों के बीच उसके भी कद्रदान है...
क्या हुआ वह गुलाब की तरह नही लेकिन ख़ुशबू से महकता हुआ तो है...
वह अलग है..उसकी एक पहचान है.. अपनी ओर खींचती हुयी ख़ुशबू है... जो फ़िज़ा को महका देती है...