लाइफ़ इज वैरी ब्यूटीफुल
लाइफ़ इज वैरी ब्यूटीफुल


टीवी की ख़बरें…
इंस्टा की रील…
फेस बुक की कोई पोस्ट…
लिंक्ड इन की कॉर्पोरेट वाली पोस्ट…
वर्क प्लेस की मारामारी के बाद रिलैक्स करने वह इन सब सोशल मीडिया को डेली कंज्यूम करती है…
बिना किसी और क्यों से…
उसके घर के स्मार्ट टीवी में अमेज़ान प्राइम,यू ट्यूब, नेट फ्लिक्स, हॉट स्टार हैं…
उसके पास मन को सुकून देती फ़ोटोग्राफ़ी की हॉबी भी हैं…
कभी कभी कहानी और कविता के नाम पर कुछ लिखती भी रहती है....
सब कुछ तो हैं लाइफ़ में…
किसी सक्सेसफुल महिला को गाड़ी नौकरी, बँगले के अलावा और क्या चाहिए?
लेकिन आज न जाने क्यों वह उलझीं उलझी सी हैं…
दिल क्यों अजीब सी कशमकश में हैं…
क्यों??
क्या हर क्यों का जवाब होता है?
क्या हर क्यों का जवाब दिया जाता है?
कुछ क्यों मुस्कुराहट से सवाल करते हैं…
क्यों भई,सही है न कहते हुए कुछ क्यों अपनी बात मनवाते भी हैं…
कुछ क्यों तो छुपाने वाले होते हैं…
कोई बात तो हैं आज…शायद प्रोफ़ेशनल लेवल पर?
लगता तो कुछ ऐसा ही हैं…
लेकिन किसे कहे वह?
किसे कहे वह अपने मन की बात?
किसे कहे वह अपने मन की उलझन?
ऑफ़िस में किसी से शेयर करने की गुस्ताख़ी वह कभी करती ही नहीं हैं…
वह जानती है इस बात के ख़तरें…
वही ऐम्प्लिफ़ाई और डिस्टॉर्शन…
उसका एक मन करता हैं की सब कुछ छोड़ दे....
कौन सा प्रोफेशनलिज्म?
क्या हैं ये प्रोफेशनलिज्म?
क्या करता हैं ये प्रोफेशनलिज्म?
ज़रूरत भी हैं इस प्रोफेशनलिज्म की?
जब सारे काम कैज़ुअल एप्रोच से हो रहे हैं तो वह क्यों परेशान रहें?
वह भी तो मस्त रह सकती हैं...
किया तो हैं अब तक प्रोफेशनलिज्म से ही काम....
सो नाउ बी रिलैक्स…एंजॉय द लाइफ…
अँड यू नो लाइफ इज वैरी ब्यूटीफुल.....