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Kunda Shamkuwar

Drama Tragedy Others

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Kunda Shamkuwar

Drama Tragedy Others

ट्रैफिक सिग्नल पर बच्चें

ट्रैफिक सिग्नल पर बच्चें

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बच्चें आजकल गेंद से खेलते नज़र नहीं आ रहे हैं...
न ही बच्चें सांप सीढ़ी वाला खेल खेल रहे हैं....

बच्चें आसमान में रंगबिरंगी पतंगें भी नहीं उड़ा रहे है...
बच्चें न तो पार्क में खेल रहे है और न ही किताबें पढ़ रहे है...

लेकिन बच्चें ट्रैफिक सिग्नल पर खिलौने बेचते हुए दिखते है...
जैसे ट्रैफिक सिग्नल पर वे अपना बचपन  ही बेच रहे हो...

बच्चें ट्रैफिक सिग्नल पर किताबें भी बेचते दिखते है...
बग़ैर जाने की उन किताबों में क्या लिखा है....

बच्चें न तो गरमियों में मज़े कर रहे है...
न ही वे बरसात में बारिशों में भीग रहे है....
आजकल वे सर्दियों की धूप भी नहीं सेंकते है.... 

शायद अब ज़माना ही बदल गया है... 
बच्चें अब बड़े हो गये है....
वे काम पर जाने लगे है...
वे मज़दूर बन गये है...
दो वक़्त की रोटी का जुगाड़ करने लगे है..







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