लाल बहादुर शास्त्रीजी
लाल बहादुर शास्त्रीजी
2 अक्टूबर को जन्मे थे, लाल बहादुरजी शास्त्री
स्वाभिमान की जिंदा मिशाल थे, वो प्रधानमंत्री
कभी-कभी ही जन्म लेते ऐसे विरले, इस धरती
वो थे स्वावलम्बन की महकती हुई, एक कली
भूखे रहेंगे, एक वक्त खाएंगे, न मांगेंगे, भिक्षावृत्ति
ऐसे स्वाभिमानी बुद्धि देनेवाले थे, वो महामति
उन्होंने सर्वप्रथम पहचानी जवान-किसान शक्ति
जय जवान-जय किसान कहनेवाले प्रथम व्यक्ति
1965 युद्ध मे पाक को धूल चटानेवाले, प्रधानमंत्री
गरीबी दौर में आपने अपनी तनख्वाह भी छोड़ दी
अंतरराष्ट्रीय दबाव से ताशकंद समझौते से थे, व्यथित
आपकी मृत्यु रहस्य आज तक पता न चला, तनिक
2 अक्टूबर को जन्मे थे, लाल बहादुरजी शास्त्री
आपकी दी शिक्षा से, हंस रही मुरझाई हुई जिंदगी
पर अफसोस की आप हमे, असमय छोड़ चले गये
कुछवक्त ओर जिंदा रहते, हिंद करता ओर तरक्की
आप सदैव ही दिलों में जिंदो रहोगे, प्यारे शास्त्रीजी
आपने सिखाया कैसे, जलाएं स्वाभिमान मोमबती।