हाँ, अटल हो तुम देश के महान सपूत हो तुम । हाँ, अटल हो तुम देश के महान सपूत हो तुम ।
कमल की भांति निष्कलंक रहे, तुम अपने स्वाभिमान से, खूब सींचा भारत को तुमने, तनिक चुके ना अरमान से... कमल की भांति निष्कलंक रहे, तुम अपने स्वाभिमान से, खूब सींचा भारत को तुमने, त...
यह कविता प्रधानमंत्री की कार्यपद्धति की प्रसंशा करती है। यह कविता प्रधानमंत्री की कार्यपद्धति की प्रसंशा करती है।
जिसकी आभा से जग चमके, इसको यों चमका देना। जिसकी आभा से जग चमके, इसको यों चमका देना।
लाल बहादुर शास्त्री नाम है,जिनका स्वाभिमान से जीना कलाम है,जिनका। लाल बहादुर शास्त्री नाम है,जिनका स्वाभिमान से जीना कलाम है,जिनका।
कितना दुष्कर्म, कितना पाप भरा है कहीं रोना ही रोना, कहीं संताप धरा है कितना दुष्कर्म, कितना पाप भरा है कहीं रोना ही रोना, कहीं संताप धरा है