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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Action Thriller

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राहुल द्विवेदी 'स्मित'

Action Thriller

जनादेश उन्नीस

जनादेश उन्नीस

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जनादेश उन्नीश देश के गौरव का परिचय देता है।

लोकतंत्र के स्वाभिमान का शासन हो निर्भय देता है।


जोड़ गाठ की नीति छोड़कर, अविजय भारत का सूचक है।

जनादेश उन्नीश राष्ट्र की ताकत का ही परिचायक है।


यह सूचक है , कोई भारत का बेटा अब नही रुकेगा।

एक वोट की माया से अब कोई अटल नही बिखरेगा।


यही सबक है राजनीति में, अपने मुँह की खाने वालों।

मौका मिलते ही भारत के टुकड़े-टुकड़े गाने वालों।


रोज मंच से खुद को सबसे, बड़ा सहिष्णु बताने वालों।

और दाँव मिलते ही उठकर धर्म-धर्म चिल्लाने वालों।


मैंने सोचा था चुनाव में ताकत तो दिखलाओगे तुम।

नही पता था चुटकी में ऐसे भी मसले जाओगे तुम।


जाग उठा है जन मानस अब जाति धर्म के नारों से।

जाग उठा है आज निपटने घर के ही गद्दारों से।


यदि कोई अफजल को अपना हीरो कभी बतायेगा।

तो ऐसे ही टुकड़े होकर मिट्टी में मिल जाएगा।


आज गोडसे न्यायालय के छल से मुक्त हुआ होगा।

देशभक्त के उपमानों से भी संयुक्त हुआ होगा।


और कन्हैया जैसे ओछे जनता ने दुत्कारे हैं।

नहीं असंख्यों तो क्या, कुछ तो रावण उसने मारे हैं।


लगा दिया है जन मानस ने, एक तमाचा ऐसा भी।

कानों को बहरा कर दे जो, बिल्कुल उसके जैसा भी।


जो विकास पर इस शासन को, घेर रहे थे सड़कों पर।

देश ख्याति पर गंदा पानी, फेर रहे थे सड़कों पर।


उनको जनता ने बतलाया, जनता भी सुन सकती है।

देखभाल कर खुद ही वह, सरकार सही चुन सकती है।


सत्तर सालों के ऊपर ये, पाँच साल ही भारी हैं।

छली और कपटी लोगों से, सच्चे भगवाधारी हैं।


मोदी जी बस इस भारत को, विश्व गुरु बनवा देना।

जिसकी आभा से जग चमके, इसको यों चमका देना।


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