बिना सीमा किये दोस्ती धोकेबाजी के प्यार बिना सीमा किये दोस्ती धोकेबाजी के प्यार
मैं तो इक कठपुतली की तरह हूँ जो ख़ुद की मर्जी से जी भी नहींं सकती। मैं तो इक कठपुतली की तरह हूँ जो ख़ुद की मर्जी से जी भी नहींं सकती।
याद कर उन्हें हम करते दान, कागा को खिला करते पूर्ण श्राद्ध। याद कर उन्हें हम करते दान, कागा को खिला करते पूर्ण श्राद्ध।
इन दिनों अपने अंदर एक अजीब सी असमय मौत के बाद मैं खुद में चुप चुप रहती हूँ। इन दिनों अपने अंदर एक अजीब सी असमय मौत के बाद मैं खुद में चुप चुप रहती हूँ...
वार किया अभी असमय कुछ तो रहम कर। वार किया अभी असमय कुछ तो रहम कर।
खुद कवि भी नहीं समझ पाता अपने कल्पनाओं की उड़ान को, खुद कवि भी नहीं समझ पाता अपने कल्पनाओं की उड़ान को,