जो न पाया, स्वयं जीवन के, सफर में, पर्वत शिखर, वो है तुम्हारा जो न पाया, स्वयं जीवन के, सफर में, पर्वत शिखर, वो है तुम्हारा
लक्ष्य कठिन पर दुख नहीं, चले चलो दिनरात कोरोना व्यापक सही, देंगे उसको मात। लक्ष्य कठिन पर दुख नहीं, चले चलो दिनरात कोरोना व्यापक सही, देंगे उसको मात।
यह महसूस करने के लिए कि मैं कितना धन्य हूं, धन्य हूँ मैं मेरे पास तुम हो माँ। यह महसूस करने के लिए कि मैं कितना धन्य हूं, धन्य हूँ मैं मेरे पास तुम हो ...
खुद कवि भी नहीं समझ पाता अपने कल्पनाओं की उड़ान को, खुद कवि भी नहीं समझ पाता अपने कल्पनाओं की उड़ान को,
यह कोमल भोला सौंदर्य मन प्राण को पुलकित करता। यह कोमल भोला सौंदर्य मन प्राण को पुलकित करता।