हमारी बेटियाँ!
हमारी बेटियाँ!
उनका आगमन मानो हो कोई अनमोल धरोहर,
उनके पद चिन्ह से आती हैं खुशियाँ हर घर।
उनकी मिस्री सी बोली छेड़े हैं जैसे मधुर गान,
उनकी खामोशी ले आती है जीवन में तूफान।
कोमल भावनाओं से भरी होतीं हैं उनकी मूर्त,
दिन की शुरुआत ना हों बिना देखे उनकी सुरत।
निश्चल और शीतल मन की हैं वो साक्षात प्रतिमा,
प्यार और सौहार्द बिखरने का हमेशा से लेती है जिम्मा।
दुर्गम पथ में ना छोड़े कभी वो अपनों का साथ,
आज की बेटियां हर क्षेत्र में देती हैं सक्षम भरा हाथ।
आज भी जी रहे हैं लोग प्राचीन विचारों के धुंध में,
नहीं दिख रही हैं मोतिया इनके आंखों के बूंद में।
दोस्तो, छोटी सी रोशनी जैसे भर देती हैं अँधेरे में उजाला,
उसी तरह इन नन्ही परियों ने सभी का जीवन बदल डाला।