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Shashikant Das

Abstract Inspirational

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Shashikant Das

Abstract Inspirational

नववर्ष 2024!

नववर्ष 2024!

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अंतिम दिन की अलौकिक है बेला,

हर छोर पर बिखरा है यादों का मेला,

सुख, दुख ने अपना दांव खूब है खेला,

था जीवन फिर भी बड़ा अलबेला। 


नयी सुबह संग जुड़ गयी है नयी रागिनी,

आशाओं के वृक्ष में निकली है नयी टहनी,

दृढ़ संकल्प की वाणी को तो सबने ठानी,

मिल जाये सफलता और ना हों कोई हानि। 


अश्रु की धाराओं ने ले लिया है नया मोड़,

सपनों के परों को मिला है साहस का जोड़,

गुमराह राहों को बदलने को ढूंढ रहें हैं तोड़,

बिगड़े रिश्तों को मिल जाये प्यारा गठजोड़।


दोस्तों, दोस्तों की दोस्ती से सभी हों सम्पूर्ण,

व्यस्त क्षण में भी अधूरी बातें हों जाये पूर्ण, 

वैसे तो हर पल होता है बड़ा ही महत्वपूर्ण, 

ये नववर्ष हो प्रेम और स्वस्थ जीवन से परिपूर्ण।


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