महाशिवरात्रि! 2025
महाशिवरात्रि! 2025
कैसे हुई सृष्टि की रचना और क्या था इसके उत्पति का कारण,
हमने तो जन्म से ही समाया है अपने अंदर ॐ का उच्चारण।
शिव की उत्कर्ष गाथा और लेख में कुछ है अनोखा सा खिंचाव,
हमारे मन और मस्तिष्क तो चल पड़ा है आपके महिमा के छांव।
चाहे कुम्भ का हो पावन बेला या महाकुंभ का हो अद्भुत मेला,
आपके गणों ने पाप की आँधियों को हंसते हुये खूब है झेला।
आपके अर्द्धनारीश्वर रूप के आगे समय की धारा थम जाती है,
आपके नाम मात्र से, आत्मा में बसे युद्ध पर विराम लग जाती है ।
पुराणों में वर्णन किए हुये आपके हर रूप के दर्शन की है अभिलाषा,
लेने पड़े हमें लाखों जन्म, ना बुझने देंगे इस इच्छा की लौ की आशा।
दोस्तों, शिवभक्ति और शिवगण संग झूम उठो आज पावन रात को,
कर लो विश्वास की भोलेनाथ सुनते हैं हर सच्चे मन के बात को।
