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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Tragedy Classics

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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Tragedy Classics

बवंडर

बवंडर

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यादों के बवंडर

वो जो नूर उनकी आँखों में था 

वो फिर उस मुलाक़ात के बाद बह गया।

शायद दिल बहुत भर गया था 

उसने दर्द पूछा तो सारी ज़िंदगी कह गया।


मैंने रहकर पास उसके जाना था

मैं पहले तनहा था तन्हाई का दीवाना था 

उसने अपना समझकर गले से क्या लगाया 

मैं तमाम उम्र उसकी आरज़ू में रह गया।  


वो दूर किनारा करता रहा ख़ामोशी से 

मुझे लगा मेरी यादों के बवंडर घेरे है 

एक दिन तूफान ऐसा आया ज़िंदगी में 

वो भी ना रहा मैं भी समंदर के संग बह गया।  


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