चालों मैं ही हाथ थम लेता हूँ तुम्हारा अब तन्हाई में सुनते अपनी आवाज़ नज़र आते हो तनहा। चालों मैं ही हाथ थम लेता हूँ तुम्हारा अब तन्हाई में सुनते अपनी आवाज़ नज़र आते ह...
इसी फ़िक्र में जीवन निकलेगा वो संघर्ष का दिन हर रोज़ देती है। इसी फ़िक्र में जीवन निकलेगा वो संघर्ष का दिन हर रोज़ देती है।
अब तिश्नगी सी ज़िंदगी और खालीपन, रूठा समाज टूट कर मुझसे जाने किधर गया। अब तिश्नगी सी ज़िंदगी और खालीपन, रूठा समाज टूट कर मुझसे जाने किधर गया।
पहले लोग दोस्ती और दुश्मनी खुलकर निभाते थे आजकल तो दोस्तों में भी दुश्मन पाए जाते हैं। पहले लोग दोस्ती और दुश्मनी खुलकर निभाते थे आजकल तो दोस्तों में भी दुश्मन पाए ...
ऐसी ही मिशालें देते हुए हम यारों को, दुनियां में चार मिलते हैं। ऐसी ही मिशालें देते हुए हम यारों को, दुनियां में चार मिलते हैं।
थोड़ी गुजिया थोड़ी भांग पिलाओ गालों पर मॉल गुलाल लाल हो जाओ। थोड़ी गुजिया थोड़ी भांग पिलाओ गालों पर मॉल गुलाल लाल हो जाओ।