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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Tragedy Classics

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Tanha Shayar Hu Yash

Drama Tragedy Classics

मुफलिसी

मुफलिसी

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मुफलिसी।


वो हंसकर बोल देती है

मुझे तुमसे मोहब्बत नहीं है

मुफलिसी को छुपा लेती है

शिकंजी सी घोल देती है। 


वो हंसकर बोल देती है

मुझे अमीरों की ज़रूरत नहीं है। 

मेरे सिले कपड़ों में न झाकों

नज़रों से सबको टोल देती है।


वो हंसकर बोल देती है

मुझे पता नहीं ये इश्क़ क्या है

जाने क्यों लोग पागल है इसमें

वो खुद नहीं कभी दोष देती है। 


वो हंसकर बोल देती है

मुझे भूख की चिंता पहले रहती है

इसी फ़िक्र में जीवन निकलेगा

वो संघर्ष का दिन हर रोज़ देती है। 


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