पहले लोग दोस्ती और दुश्मनी खुलकर निभाते थे आजकल तो दोस्तों में भी दुश्मन पाए जाते हैं। पहले लोग दोस्ती और दुश्मनी खुलकर निभाते थे आजकल तो दोस्तों में भी दुश्मन पाए ...
सब क्षणिक हो जाते हैं, आत्मसंतुष्टि जीवन प्रधान। सब क्षणिक हो जाते हैं, आत्मसंतुष्टि जीवन प्रधान।
उनका नाम है श्री 'नील माधव पंडा ... वो ज़मीन पर पडी राख को, आसमां पर रखता है .. उनका नाम है श्री 'नील माधव पंडा ... वो ज़मीन पर पडी राख को, आसमां पर रखता है ....
अब वो दीवार-ए-दर से या दुनिया से ये कौन कहे। अब वो दीवार-ए-दर से या दुनिया से ये कौन कहे।
कई बार खुद को आजमाया है मैंने दुनिया में कुछ तन्हा सा हूँ यहाँ और ये तन्हाई बेहिसाब। कई बार खुद को आजमाया है मैंने दुनिया में कुछ तन्हा सा हूँ यहाँ और ये तन्हाई ...
घर घर से सोशल मिडिया पर, बिन पैसो के, खुद ही कूद रहा है। घर घर से सोशल मिडिया पर, बिन पैसो के, खुद ही कूद रहा है।