आखिर क्यों ?
आखिर क्यों ?
आखिर क्यों लापरवाहियों का
सिलसिला चला आ रहा है
जिस बात से मना करो
वह जरूर किया जा रहा है
हालात बद से बदतर है फिर भी
बेखौफ वह बाहर जा रहा है
मौत से क्या तुझको डर
नहीं लगता तू तो पागल है
औरों को भी मरवा रहा है
कुछ दिनों की बात है दोस्त फिर
गुलिस्तान सजा लेना लेना जब
तेरा कोई ना होगा अभी
क्यों दिवाली मना रहा है ?