पत्नी तक का दर्जा दिलाते हैं जुल्म करने पर ना कोई हिचकिचाते हैं पत्नी तक का दर्जा दिलाते हैं जुल्म करने पर ना कोई हिचकिचाते हैं
सब भूल कर फिर दाव पर मैं आँसू ही लगाने के लिए बैठा रहा। सब भूल कर फिर दाव पर मैं आँसू ही लगाने के लिए बैठा रहा।
नोट - नव वर्ष पर जागृति गान। नोट - नव वर्ष पर जागृति गान।
महफ़िलों में तो खींच जाती है मुस्कान लंबी, लेकिन एकांत में रहती है ये डरी सहमी। महफ़िलों में तो खींच जाती है मुस्कान लंबी, लेकिन एकांत में रहती है ये डरी सहम...
सदा के लिए समाप्त हुआ तो मैं कभी ना आऊँगा। सदा के लिए समाप्त हुआ तो मैं कभी ना आऊँगा।
भौरे आकर पी रहे, पुष्प रसों के जाम। भौरे आकर पी रहे, पुष्प रसों के जाम।