खूनी कैमरा
खूनी कैमरा
रिया आज बहुत खुश है बहुत दिनों के बाद आज राजीव रिया को कहीं बाहर घुमाने लाया था। वरना काम से उसे फुर्सत ही कहाँ मिलती है, रिया को हमेशा यही शिकायत रहती है, लेकिन आज मानों सारी शिकायतें दूर हो गई हो। समुन्द्र से आती लहरें इतनी अच्छी लग रही है मानों वो रिया को ही पुकार रही हो और रिया उन लहरों को अपने हाथों में समेट लेना चाहती हो। लहारों बहाव से गीली हुई मिट्टी पर रिया दिल बना कर उस पर.... आर &आर.... लिखती और जैसे ही लहरें रिया की तरफ आती रिया खिलखिलाती हुई, आगे आगे दौड़ती लहरें उसके पीछे पीछे जैसे बरसों से रिया से कोई संबंध हो और इसलिये ही उसका पीछा कर रही हो। रिया बहुत खुश थी। वो राजीव को भी अपने पास बुला रही थी।
लेकिन इन सबसे अनजान राजीव पत्थर की चट्टान पर बैठा था। वो किसी से बात कर रहा था यहां पर भी उसे अपने बिजनेस की ही पड़ी थी। रिया देखकर समझ गई थी लेकिन रीया को पता था कि राजीव की यही आदत है, अब उसे इस सब की आदत हो गई थी। इसीलिए उसने राजीव को ज्यादा कुछ नहीं कहा और फिर लहरों के साथ - साथ दौड़ने लगी। दौड़ते - दौड़ते रीया अचानक नीचे गिर पड़ी। उसने लगा उसके पाँव से कुछ टकराया था। देखा तो पास में एक कैमरा पड़ा था देखने में नया लग रहा था। क्वालिटी भी अच्छी लग रही थी। पहले तो रिया को लगा कि यहां पर कोई घूमने आए होंगे शायद उन्हीं में से किसी का होगा। उसने उसने आजू-बाजू देखा पर उसे कोई नजर नहीं आया कैमरा लेकर राजीव के पास गई। राजीव को बताया कैमरा वहां बीच पर मिला है।
राजीव ने कहा... "पता नहीं किसी का होगा पड़ा रहने दो यही पर पता नहीं किसका है??"
रिया कहती हैं... 'ऐसा करते हैं हमेशा अपने साथ ले लेते हैं, और पुलिस स्टेशन जा कर जमा करवा देंगे। जिसका भी होगा। पुलिस खुद पता लगा लेगी। राजीव ने रिया की बात मान ली।
रिया ने कहा.... "बहुत देर हो गई है.. चलो घर चलते हैं"फिर वहां से घर के लिए रवाना हो गए। रिया कैमरे को अपने बेडरूम में एक टेबल पर रख देती है, और खुद फ्रेश होने चली जाती है ।
डिनर के बाद दोनों बहुत थक गए थे इसीलिए जल्दी सोने चले गए। राजीव को भी जल्दी ही नींद आ गई। रात को अचानक रिया की आंँख खुली। उसे ऐसा लगा कि घर में कोई है उसने उठकर इधर-उधर देखा लेकिन कोई नजर नहीं आ रहा था। फिर अचानक देखा उसे ऎसा लगा जैसे खिड़की के पास कोई हैं रिया बहुत डरी हुई थी। उसने राजीव को उठाया पर वो गहरी नींद में था। रिया ने टार्च ली और रूस से बाहर निकल कर इधर उधर देखा पर उसे को नहीं दिखा। वो वापस रूम में लौट आई। वो जैसे ही सोने लगी तो उसने देखा कैमरे में से लाइट निकल रही है वो डर गई उसने राजीव को उठाने की कोशिश की पर वो बहुत गहरी नींद में था। इसलिए वो खुद उठ कर कैमरे को उठा कर देखा पर अब लाइट नही आ रही थी। तभी राजीव की आँख खुल गई क्या हुआ है? किस कैमरे में से टाइप चल रही थी क्या इस में बैटरी भी नहीं है चलो सो जाओ अभी क्या बात हो गई राजीव ने कहा पुलिस स्टेशन में जमा करा दूंगा रात को भी तुम चैन से सो नहीं पाई घर में है तुम्हें नींद नहीं आएगी जाने का ठीक है मैं भी साथ आऊंगी रिया भी उसके साथ चली गई अरुणा ने उस कैमरे को पुलिस स्टेशन में जमा करवा दिया नॉटी उसने फेस में का दरवाजा खोला पानी पीने के लिए ऐसा लगा जैसे कि घर में कोई साया हो दिखाई नहीं दिया लड़ाई हुई थी फोन लगाया और कारा जी मुझे थोड़ी घबराहट हो रही है क्या हुआ कुछ नहीं बस तुम जल्दी आ जाना मैं जल्दी आ जाऊंगा शाम होने को नबीनगर बनाया टेबल पर सो गई उठ गई उसे लगा राजीव आ गया कोई नजर नहीं आ रहा था अंदर आई टेबल प्रो कैमरा पड़ा था क्यों उठ गए चाची को फोन लगाया दुबारा ट्राई किया लग रहा था कैमरे की तरफ से कैमरा उठाया और उस देखने लगी उसमें कोई वीडियो चल रहा था दो आदमी कुछ बच्चों को अब आप अकेले जा रहे हैं बच्चों के मुंह बंद है एक आदमी एक बच्चे को बहुत देख रहा है और बोला कि और इसके मुंह पर पट्टी बांध कर बैठा दिया तभी पीछे से कोई आ जाती है इन सब को कल नाके पर उठा देना और हां इनके कपड़े थोड़े विकारी की तरह लगे छोटा वाला थोड़ा संपत्ति ज्यादा करता है इसे निगाहें बनाए रखना कहीं भाग नहीं जाए प्रिया देखकर समझ गई थी कि कोई लड़के हैं बच्चों को पिक मंगवाते हैं लेकिन रिया को अभी का चेहरा नजर नहीं आ रहा था वन्दना आदमी ने छोटे के हाथ बाँध दिये तभी पीछे से कुछ आवाज आई। आदमी से एक ने कहा वह देख वही रिपोर्ट तीन-चार दिन से हमारा पीछा कर रही है बहुत क्या करें कैमरा कैमरा चालू था और दौड़ने की आवाज आ रही थी खाली रास्ता देख रहा था दौड़ रहा किसी रिपोर्टर का एरिया समझ लेती कैमरा शायद किसी रिपोर्टर का है और उसने इसमें कुछ रिकॉर्ड करके रखा है तभी उसके हाथ में सेवर कैमरा छीन लिया गया लड़की जोर जोर से चिल्ला रही थी मैं तुम लोगों का पर्दाफाश कर दूंगी तुम लोग बच्चों को अगवा करते हैं और उनसे भीख मंगवाते हो तुम लोग इंसान के नाम पर हैवान हो। लेकिन अब मैं तुम सब लोगों का पर्दाफाश कर लूंगी कि तुम लोग किस तरह छोटे-छोटे मासूम बच्चों को उठाते हो और उन्हें मार मार कर भीख मंगवाते हो तभी उनमें से एक आदमी बोला जब तू जिंदा रहेगी। और गोली के चलने की आवाज सुनाई दी जैसे ही गोली चली तेज़ कैमरे की स्क्रीन पर इसे देखकर या फिर से डर गई और उसके हाथ से कैमरा गिर गया देखिए कैमरा किसी रिपोर्टर का है और किसी ने इसे मार रहा है वह चाहती थी कि उसकी मदद करे लेकिन किस तरह कुछ समझ नहीं आ रहा था कि जब राजीव आएगा तो उसे बताऊंगी उसकी बात मानेगा कि उसे पता हैं कि राजीव इन सब बातों में विश्वास नहीं करता। सभी डोरबेल बजती है, रिया और डर जाती है, डरते दरवाजा खोलती हैं तो सामने राजीव होता है, प्रिया सामान्य हो जाती है सामान्य हो जाती है।
राजीव :- "कितनी देर से बेल बजा रहा हूं क्या कर रही थी तुम??"
रिया :- "कुछ नहीं.... वो मै खोलने ही वाली थी। "
राजीव :- "ओकेय.. ठीक हैं, जल्दी से खाना लगा दो बहुत भूख लगी है।"
रिया :- "ठीक है।"'
रिया खाना परोसती है और राजीव से कहती हैं कि अभी थोड़ी देर पहले उसने राजीव को फोन लगाया था, लेकिन फोन लग ही नहीं रहा था।
राजीव टेबल से उठते हुए बोला.....
"वो मोबाइल की बेट्टरी ख़त्म हो गई थी।, क्यूँ कुछ काम था?"
रिया कुछ बोलती उससे पहले ही राजीव की नजर उस कैमरे पर पड़ती है। और राजीव चिल्ला उठता है।..
" ये कैमरा यहां... कैसी... इससे तो...तभी रिया बीच में ही बोल पड़ती है,
रिया :- "राजीव.. ये ही तो बताने के लिए मैंने तुम्हें फोन किया था। इस कैमरे में कुछ गड़बड़ हैं।जब से ये कैमरा घर पर आया हैं, ऎसा लगता है कि जैसे कोई हम पर नजर रखे हैं,..... ऎसा लगता है, जैसे कोई हमारे आसपास हो। कल रात को भी जब तुम सो रहे थे थे। तो इस की लाइट जाली थी। "
राजीव रिया पर बिगड़ते हुए......
राजीव :- "क्या बकवास कर रही हो? "
तभी अचानक घर की सारी लाइट ऑन ऑफ होने लगती है,.... रिया बहुत डर जाती है... और दौड़ कर....राजीव के पास चली जाती है.... तभी उस कैमरे से रोशनी निकल कर.... दीवार में लगे टी वी पर पड़ती है और वो नजारा जो रिया ने पिछली रात देखा.... साफ साफ नजर आ रहा था। रिया घबराते हुए... राजीव से कहती हैं..
"राजीव...ये.. ही सब मैं तुमको बताना चाहती थी, लेकिन इस विडियो में उस तीसरे आदमी का चेहरा मुझे नहीं दिखा.... लेकिन इसबार.... पूरी घटना वैसे ही दिखी.. और साथ में उस तीसरे आदमी का चेहरा भी साफ नजर आ रहा था.... और वो तीसरा आदमी और कोई नहीं राजीव ही था।"
रिया ये देख हैरान हो जाती है,.. और राजीव की तरफ हैरानी से देखते हुए कहती हैं...
रिया :- राजीव... तुम... मैंने कभी सोचा भी नहीं... कि तुम ऎसे हैवान होगें.. तुम... छोटे छोटे मासूम बच्चों को अगवा कर उनसे भीख मांगवाते हो... उन बच्चों के हाथ काट.. आँखें नोच उनसे भीख मांगवाते हो।... शर्म आनी चाहिए तुम्हें......तुम्हारी इसी हैवानियत की वजह से शायद भगवान ने हमें अब तक कोई संतान नहीं दी। तुमने खून किया है... तुमने उस रिपोर्ट को भी मार दिया।"
राजीव सामान्य होते हुए। ऎसा लग रहा था जैसे उसे अपने किये पर कोई पश्चातापा नहीं हो। राजीव सोफे पर बैठते हुए।
" राजीव... हाँ... तो... अगर मैं उस रिपोर्ट को नहीं मरता तो.... वो पुलिस को सब बता देती.... मुझे जेल हो जाती। और रही बात मेरे काम की तो काम तो काम होता है, मैं उन बच्चों को उनके काम के बदले खाना भी तो देता है। ये सब एसओ आराम... मेरे इस काम की वजह से ही है, समझी तुम।"
रिया :- " नहीं चाहिए ऎसा एसो आराम... जो किसी के खून से लथपथ हो।" और हाँ... बचोगे तो तुम अब भी नहीं.... मैं अभी पुलिस को फोन करती हूँ।"
रिया जैसे ही फोन उठाने लगती है, तभी राजीव अपनी जैब से पिस्टल निकलता है, और कहता है
राजीव:- "तुम.. क्या सोचती हो... मैं तुम्हें नही मार सकता। मेरे काम के बीच कोई भी आएगा तो मैं उसे जिंदा नहीं छोड़ऊगा।"
रिया राजीव का ये रूप देख बहुत ही हैरान हो जाती है, उसकी आँखों के सामने एक एक कर के राजीव के साथ बिताये सारे पल.. याद आ रहे थे।रिया मन ही मन ये सोच रही थी... कि क्या ये वही राजीव हैं... जिससे उसने प्यार किया था। रिया ये सब सोच ही रही थी। तभी उस कैमरे से लाल लाइट जल उठती है। राजीव ये देख घबरा जाता है और घबराहट में कैमरे पर गोलियां चलाता है, तभी वो कैमरा राजीव के सर पर आ कर गिरता है, दो - तीन बार कैमरा हवा में उड़ता हुआ राजीव के सर पर गिरता है, राजीव अपने आप को बचाने की कोशिश करता है लेकिन अंत में दीवार से जोर से टकराने से उसका सर फुट जाता है, और बहुत सारा खून बह जाता है, आखिर कार राजीव दम तोड़ देता है।
रिया ये सब देख रही होती है, अंत में उसे एक खूबसूरत लड़की का साया दिखाई देता है, जो उस कैमरे के साथ ही वहां से गायब हो जाता है। स्थिति सामान्य हो जाती है, रिया पुलिस को कह कर राजीव द्वारा बंधी बनाये सभी बच्चों को छुड़वा देती है। और अपनी सारी दौलोत एक एनजीओ को दान में दे देती है, और खुद भी एक एनजो से जुड़ कर समाज सेवा में लग जाती है।