STORYMIRROR

Uma Vaishnav

Abstract

3  

Uma Vaishnav

Abstract

सुप्रभात जी

सुप्रभात जी

1 min
347

दिनकर आये भोर ले, उठजा मानव जाग।

मात पिता को नमन कर, खुल जायेगे भाग।। 


आस किरण लेकर उठो, आई है नव भोर।

दिनकर प्रकाश कर रहे, पक्षी कर रहे शोर।।


जग में प्रकाश कर रहे, दिनकर दादा रोज।

उठजा मानव जाग जा, खुद में प्रभु को खोज।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract