STORYMIRROR

Uma Vaishnav

Classics

4  

Uma Vaishnav

Classics

सुप्रभात (भाग - 1)

सुप्रभात (भाग - 1)

1 min
288

धवल किरण सूरज की, लाती है जब भोर। 

पक्षी पंख फैला उड़े, आसमान की ओर।। 


नदियाँ कलकल कर रही, झरने करते शोर। 

 सुंदर बेला भोर की, सूर्य किरण हर ओर।। 


मंद मंद समीर चले , शांति चारो ओर। 

सूर्य देव अब आ गए, लेकर देखो भोर।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics