सुप्रभात जी भाग - 2(दोहे)
सुप्रभात जी भाग - 2(दोहे)
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सुबह सुबह भोले भजो, आयेगा आनंद।
हृदय द्वार को खोल दो, समय लगेगा चंद।।
भोर किरण हमसे कहे, उठ अब मानव जाग।
नवल दिवस अब आ गया, सुना प्रेम के राग।।
आस किरण दिल में जगा, फैला धवल प्रकाश।
उम्मीदें दिल में रहे, लाएंगे आकाश।।