वो तो इंसानियत के शैतान थे। वो तो इंसानियत के शैतान थे।
मैं तेरी आँखों का तारा मेरे सपनों का आकाश है। सतरंगी सपनों से सजा एक अंतरिक्ष मैं तेरी आँखों का तारा मेरे सपनों का आकाश है। सतरंगी सपनों से सजा ...
बिना जाने समझे उठा देते हैं हाथ समझना नहीं चाहता कोई उसकी एक भी बात बिना जाने समझे उठा देते हैं हाथ समझना नहीं चाहता कोई उसकी एक भी बात
अक्षरों में। अक्षरों में।
प्रपंच के जाल बुनेंगे नफरत की गज़ले पढ़ेंगे खौफ की किताब गढ़ेंगे हम क्या लिखेंगे प्रपंच के जाल बुनेंगे नफरत की गज़ले पढ़ेंगे खौफ की किताब गढ़ेंगे हम क्य...
क्या सबके अंदर की मानवता हो गयी खत्म क्या सबके अंदर की मानवता हो गयी खत्म