Kohinur Shayar
Abstract
इंसानियत मिलती है
अनपढ़ों में,
हैवानियत मिलती है
अक्षरों में।
इंसानियत और ह...
सचमुच, मुझे अपनी धर्मपत्नी पर गर्व है.! उससे, हर दिन मेरे घर में पर्व है.!! सचमुच, मुझे अपनी धर्मपत्नी पर गर्व है.! उससे, हर दिन मेरे घर में पर्व है.!!
हम तो तुमको राह दे देते हैं किन्तु उनके लिए राह तुम दिखाओ.….! हम तो तुमको राह दे देते हैं किन्तु उनके लिए राह तुम दिखाओ.….!
मृग की भांति खोजते, लोग यहां भगवान । मृग की भांति खोजते, लोग यहां भगवान ।
जिनसे की मरहम लगाने की उम्मीद। जख्म उनके ही अभी तक हमने पाले हैं। जिनसे की मरहम लगाने की उम्मीद। जख्म उनके ही अभी तक हमने पाले हैं।
दरिया में कश्ती बहुत चलाई, समुद्री लहरों से, लड़ कर तो देखो, दरिया में कश्ती बहुत चलाई, समुद्री लहरों से, लड़ कर तो देखो,
तुम्हें किसने जलाया होगा- प्रथम बार!! तुम्हें किसने जलाया होगा- प्रथम बार!!
चल दोनों एक दूजे को खत लिखते हैं ! मिलकर एक मुकम्मल बात लिखते हैं ! चल दोनों एक दूजे को खत लिखते हैं ! मिलकर एक मुकम्मल बात लिखते हैं !
इंसानियत के चर्चा थे अभी तक आपके कैसे अब तुम आदमी बड़े खराब हो गए इंसानियत के चर्चा थे अभी तक आपके कैसे अब तुम आदमी बड़े खराब हो गए
हर तूफा से पहले होती है खामोशी सुबह से पहले भी होती है खामोशी। हर तूफा से पहले होती है खामोशी सुबह से पहले भी होती है खामोशी।
एक अरसे बाद जब तू मिला मैं सुदामा तू कृष्ण का साक्षात्कार है मित्र, तू ही मेरा संसार एक अरसे बाद जब तू मिला मैं सुदामा तू कृष्ण का साक्षात्कार है मित्र, तू ही ...
कर देता नाम बदनाम तुम्हारा, तुमसे अगर प्यार सच्चा न होता। कर देता नाम बदनाम तुम्हारा, तुमसे अगर प्यार सच्चा न होता।
ठोकरों से ही सही, तेरे साथ तो चलेगा तेरी नफरतों पर भी, उसका दिल लगेगा ठोकरों से ही सही, तेरे साथ तो चलेगा तेरी नफरतों पर भी, उसका दिल लगेगा
अपनों कौन है ? अपनों कौन है ? अपनों कौन है ? अपनों कौन है ?
टूटता चिटकता मन काँपता बिखरता विश्वास। टूटता चिटकता मन काँपता बिखरता विश्वास।
पानी की फुहार पड़ती जब, तब मन को राहत आये।। पानी की फुहार पड़ती जब, तब मन को राहत आये।।
अंतर्मन में अनुभव सहेजती, ज्यों सीप में दमकता मोती ! अंतर्मन में अनुभव सहेजती, ज्यों सीप में दमकता मोती !
यहाँ हर दिल में खंजर है, यहाँ हर दिल में काँटा है, यहाँ हर दिल में खंजर है, यहाँ हर दिल में काँटा है,
हताशा में भी सबको हंसाया है। राष्ट्र ने हमें क्षमाशील बनाया है। हताशा में भी सबको हंसाया है। राष्ट्र ने हमें क्षमाशील बनाया है।
जहाँ मन प्रकाशमयी शिव करें, जहाँ आभा महिमावान करें। जहाँ मन प्रकाशमयी शिव करें, जहाँ आभा महिमावान करें।
अगर आप ऐसा सोचते हैं कि बेवकूफ हैं हम तो बड़ा उत्तम है. अगर आप ऐसा सोचते हैं कि बेवकूफ हैं हम तो बड़ा उत्तम है.