अक्षरों में। अक्षरों में।
हमारा साया है जो हमारे माँ के रूप में आया है। हमारा साया है जो हमारे माँ के रूप में आया है।
तो वो दो दे देती है। तो वो दो दे देती है।
विद्वानों को आजकल, लोग रहे हैं भूल, देते उनको मान जो हैं अनपढ़ मक्कार। विद्वानों को आजकल, लोग रहे हैं भूल, देते उनको मान जो हैं अनपढ़ मक्कार।
मैला सा एक थैला, छोङ गई एक नार। मैला सा एक थैला, छोङ गई एक नार।
जब से तेरी आंखों को पढ़ने लगा हूं मैं ख़ुद को अनपढ़ समझने लगा हूं। जब से तेरी आंखों को पढ़ने लगा हूं मैं ख़ुद को अनपढ़ समझने लगा हूं।