बीज बन गया पौधा एक जान पल रही कोख में ये कुदरत की करामात थी ना शब्दों में कैसे बयान हो उस पल जगे... बीज बन गया पौधा एक जान पल रही कोख में ये कुदरत की करामात थी ना शब्दों में कैस...
माँ की ममता अतुलित ऐसी, मरु भूमि में सागर जैसी, माँ की ममता अतुलित ऐसी, मरु भूमि में सागर जैसी,
जीवन राग सुनाती आ जाती, देती ठंडी छाँव। जीवन राग सुनाती आ जाती, देती ठंडी छाँव।
व्यंग्य में शब्द बाण वे फेंके, पढ़ा लिखा अनपढ़ है मानव। व्यंग्य में शब्द बाण वे फेंके, पढ़ा लिखा अनपढ़ है मानव।
उसे रोको वो ग़जल कर रहा है खबर नहीं उसे वो कत्ल कर रहा है। उसे रोको वो ग़जल कर रहा है खबर नहीं उसे वो कत्ल कर रहा है।
मैला सा एक थैला, छोङ गई एक नार। मैला सा एक थैला, छोङ गई एक नार।