जब जब सुकूँ की जरूरत पड़ी शहर से गाँव हुई है ज़िन्दगी #कुनु
अब बर्षा की जिंदगी में शुरू होती है उसे खुद को जिंदा रखने की जद्दोजहद। अब बर्षा की जिंदगी में शुरू होती है उसे खुद को जिंदा रखने की जद्दोजहद।
ये पूर्ण हो अधूरा कहलाता है पर उस पल की वो स्मृति बहत सुकून दे जाती है, ये पूर्ण हो अधूरा कहलाता है पर उस पल की वो स्मृति बहत सुकून दे जाती है,