STORYMIRROR

Ranjeeta Govekar

Children Stories

3  

Ranjeeta Govekar

Children Stories

बाल मनोविज्ञान

बाल मनोविज्ञान

1 min
226

एक बात पूछूं माँ

सच्ची सच्ची कहना

तेरा बचपन मेरा बचपन

एक जैसा तो है ना ?


मैं तेरी आँखों का तारा

मेरे सपनों का आकाश है।

सतरंगी सपनों से सजा

एक अंतरिक्ष विशाल है।


माँ तेरा बचपन तो

तितली सा सुंदर होगा ना ?

बाबुली छाँव तले

बड़े प्यार से बीता होगा ना ?


माँ तेरे बचपन में तो

हैवान नहीं थे अब जैसे

नोच नोच कर तोड़ते हैं

कलियों को जो डाली से...


माँ मेरा बचपन तो

डर डर के ही गुजरता है

किस को यहां अपना हूँ

अपना भी इसको लुटता है...

      


Rate this content
Log in