कर्ता करविता देव.... हा देह निमित्तमात्र...
जैसे तपिश से तपते रेगिस्तान में एक बादल की छांव ठहर सी जाए। जैसे तपिश से तपते रेगिस्तान में एक बादल की छांव ठहर सी जाए।
आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है भारत मां के रक्षक हैं हम ! आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है भारत मां के रक्षक हैं हम !
नेग रिवाज के नाम पे अब भी क्यूँ बेटी मेरी जल जाती है ? नेग रिवाज के नाम पे अब भी क्यूँ बेटी मेरी जल जाती है ?
मैं तेरी आँखों का तारा मेरे सपनों का आकाश है। सतरंगी सपनों से सजा एक अंतरिक्ष मैं तेरी आँखों का तारा मेरे सपनों का आकाश है। सतरंगी सपनों से सजा ...
बिन मांगे अंत ही करेंगे बच्चे बस ऐसा कभी नहीं सोच था। बिन मांगे अंत ही करेंगे बच्चे बस ऐसा कभी नहीं सोच था।
पच्छाताप से धोले मन को जागो तब ही भोर हुई। पच्छाताप से धोले मन को जागो तब ही भोर हुई।
हम सब एक जुट हो जाए तो पार करेंगे हर शिखर हम सब एक जुट हो जाए तो पार करेंगे हर शिखर
बीती रात कमल दल फुले में बंधन में बन गया इतना उलझा तुम्हारे अंदर बीती रात कमल दल फुले में बंधन में बन गया इतना उलझा तुम्हारे अंदर
साथ में मिलकर खड़े सब कुछ आंधी तूफान जब चलता है। साथ में मिलकर खड़े सब कुछ आंधी तूफान जब चलता है।
मेहनत कर लूंगा मैं जमकर पर खेत मेरे उग सके। मेहनत कर लूंगा मैं जमकर पर खेत मेरे उग सके।