छोटा कछुआ
छोटा कछुआ
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एक बातूनी कछुआ घूमता नदी पास।
उसकी दोस्ती हो गयी 2 हंसो के साथ
हंसो को उड़ता देख उसे चाहत जागी
मैं भी उडूं गगन में लगन मन में लागी
हंस उसकी बात सुन पहले तो चकराये
दोनों ने स्वविवेक से कुछ जतन सुझाये
एक लकड़ी का डंडा जंगल से ले आये
एक-एक हंस पकड़ दोनो ओर से लाये
बातूनी कछुआ को बीच मुंह लटकाये
नभ में ऊपर जा दृश्य देख वे हरसाये
कितनी सुन्दर है अपनी नदिया धारा
मुख खोलते, हंस कछुआ चिल्लाये
छूटी मुंह से लकड़ी फिर पकड़ न पाये
गोता खाते गिरे नदी में चक्कर खाये
नकल में अक्ल चाहिए मंत्र जीवन का
चूक कहाँ हुयी मुझसे महामंत्र मनका
कछुआ जिसका काम उसी को साजे
और करे तो बस डंडा पीठ पर बाजे।