D.N. Jha
Horror Tragedy Action
आएगा तूफान तो, कुछ न करेंगे आप।
आंख खोल बैठे रहें, सब हो जाए साफ।।
सब हो जाए साफ, नहीं तो जल्दी भागो।
नहीं हुई है देर, अभी तो जल्दी जागो।।
बचे नहीं जब और,कौन जान बचाएगा।
दिखे नहीं कुछ और, कौन करीब आएगा।।
चंद्रयान
चारधाम (कुंडल...
महॅंगाई
मालिक
विश्राम को हर...
योग
आएगा तूफान
बिखर रहे परिव...
आओ सीखें कुछ ...
किसान
सबल सक्षम धैर्य धीर पराक्रम पुरुषार्थ नेतृत्व महान है।। सबल सक्षम धैर्य धीर पराक्रम पुरुषार्थ नेतृत्व महान है।।
अपने प्राणों को समेटे कुछ बूढ़े अपने कभी न लौटने वाले युवा बेटों का इंतजार करते अपने प्राणों को समेटे कुछ बूढ़े अपने कभी न लौटने वाले युवा बेटों का इ...
ऐ किस्मत मेरे साथ, तेरा क्या गिला था वो आखरी बार मुझे बिस्तर पर मिला था।। ऐ किस्मत मेरे साथ, तेरा क्या गिला था वो आखरी बार मुझे बिस्तर पर मिला था।।
अपराध और रात का एक अजीब सा नाता है रात का सन्नाटा अपराध की कहानी सुनाता है। अपराध और रात का एक अजीब सा नाता है रात का सन्नाटा अपराध की कहानी सुनाता है।
आज उस बात को बीते हुए करीब दस साल गुज़र चुका है। आज उस बात को बीते हुए करीब दस साल गुज़र चुका है।
तक सुन पाओगे मिट जाएगा जब तेरी सृष्टि से तेरा ही विधि विधान।। तक सुन पाओगे मिट जाएगा जब तेरी सृष्टि से तेरा ही विधि विधान।।
धड़कने बढ़ने लगीं जब धुंधला दिखने लगा साया धड़कने बढ़ने लगीं जब धुंधला दिखने लगा साया
लोग अनोखे शहर अनोखा और बड़े अनोखे इनके त्यौहार।। लोग अनोखे शहर अनोखा और बड़े अनोखे इनके त्यौहार।।
यूँ बड़ी मैं क्यूँ हुई के सब लुटेरे बन गए यूँ बड़ी मैं क्यूँ हुई के सब लुटेरे बन गए
सामने दीवार बनकर हो जाये हम खड़े। सामने दीवार बनकर हो जाये हम खड़े।
उसने उसने आजू-बाजू देखा पर उसे कोई नजर नहीं आया कैमरा लेकर राजीव के पास गई। उसने उसने आजू-बाजू देखा पर उसे कोई नजर नहीं आया कैमरा लेकर राजीव के पास गई।
विह्वल सब अश्रु बहाते थे, अपनों की चिता जलाते थे, विह्वल सब अश्रु बहाते थे, अपनों की चिता जलाते थे,
मगर ऐ दोस्त ! दो राहे पर खड़ी जिंदगी में तू कर फिर से शुरूआत नई। मगर ऐ दोस्त ! दो राहे पर खड़ी जिंदगी में तू कर फिर से शुरूआत नई।
मैं दर्द लिखने बैठा, मगर उसे लिख ना सका। मैं दर्द लिखने बैठा, मगर उसे लिख ना सका।
रात की ठंडी हवा में, आसमान की राहों में, किस से गिला करें, किस से शिकवा करें हम ? रात की ठंडी हवा में, आसमान की राहों में, किस से गिला करें, किस से शिकवा करें ...
बहा दो बुराइयों को ही कहीं, पाप से बिछड़ने का डर नहीं। बहा दो बुराइयों को ही कहीं, पाप से बिछड़ने का डर नहीं।
वो बूंदें कैसी थी जिन पर दर्पण भी शोक मनाता है, वो बूंदें कैसी थी जिन पर दर्पण भी शोक मनाता है,
अपने इस ढीठ पन का कुछ तो तुम इलाज करो ना अपने इस ढीठ पन का कुछ तो तुम इलाज करो ना
एक मानव नष्ट होकर लाखों को नष्ट कर जाएग। एक मानव नष्ट होकर लाखों को नष्ट कर जाएग।
आज उसके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं है शायद उसे अपना बचपन याद आ रहा है आज उसके आंसू पोंछने वाला कोई नहीं है शायद उसे अपना बचपन याद आ रहा है