STORYMIRROR

D.N. Jha

Abstract Action Classics

3  

D.N. Jha

Abstract Action Classics

मालिक

मालिक

1 min
93

पाना खोना सब यहाँ, जीवन का है मेल।

मनचाहा किसको मिला, कर्मों का सब खेल।।


कर्मों का सब खेल, वक्त पर सबको मिलता।

मालिक का हो साथ, तभी पत्ता है हिलता।।


जन्म जन्म का चक्र, लगा है आना जाना ।

उनकी  मर्जी  खूब, यहाँ  है खोना पाना।। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract