D.N. Jha
Action Inspirational
रहना जिसे निरोग है, करिए नित उठ योग।
रहे स्वस्थ तन ओर मन, पाएं जीवन भोग।।
जीवन जीना है सरल, करिए नित उठ योग।
योग नहीं करते कभी, हो जाता है रोग।।
तन से रहना है सुखी, करिए नित उठ योग।
काम सही करते वही, कहते हैं कुछ लोग।।
चंद्रयान
चारधाम (कुंडल...
महॅंगाई
मालिक
विश्राम को हर...
योग
आएगा तूफान
बिखर रहे परिव...
आओ सीखें कुछ ...
किसान
सीमा पर डटे रहने वाले उन वीरों को है सलाम। सीमा पर डटे रहने वाले उन वीरों को है सलाम।
जागते हुए तुम होती हो साथ मेरे, सपनों में भी तुम मुझे दुलारती रहो। जागते हुए तुम होती हो साथ मेरे, सपनों में भी तुम मुझे दुलारती रहो।
अब संघर्ष की बारी दोबारा आयी है, निर्णय की घड़ी दोबारा आयी है। अब संघर्ष की बारी दोबारा आयी है, निर्णय की घड़ी दोबारा आयी है।
मेरे प्यारे-दुलारे भैया दूर ना मुझसे जाना, चाहे हो जाये कुछ पर मुझसे राखी बंधवाना। मेरे प्यारे-दुलारे भैया दूर ना मुझसे जाना, चाहे हो जाये कुछ पर मुझसे राखी बंध...
कुछ इस तरह वतन से वो मोहब्बत निभा गये जाते -2 हर भारतीय को कर्जदार बना गये। कुछ इस तरह वतन से वो मोहब्बत निभा गये जाते -2 हर भारतीय को कर्जदार बना गये।
शिक्षा-दीक्षा और संस्कृति, इस मिट्टी पर ये पावन कर्म किया देश की शान तिरंगा है, भारत क शिक्षा-दीक्षा और संस्कृति, इस मिट्टी पर ये पावन कर्म किया देश की शान तिरंगा ह...
अब तो जन मानस खुद को संभाल, खुद के साथ परिवार की कर देखभाल। अब तो जन मानस खुद को संभाल, खुद के साथ परिवार की कर देखभाल।
एहसान तेरा देश पर था और रहेगा देश का अभिमान तुम। एहसान तेरा देश पर था और रहेगा देश का अभिमान तुम।
है आज जरूरी लड़ ले हम अपनी लड़ाईअपने वास्ते। जो फैली है भ्रष्टाचार की बीमारी हमारी व है आज जरूरी लड़ ले हम अपनी लड़ाईअपने वास्ते। जो फैली है भ्रष्टाचार की ब...
बहुत खूब साथ निभाया हमारा ! धन्य हो गए हम तो, ऐसे जीवनसाथी को पाकर ! बहुत खूब साथ निभाया हमारा ! धन्य हो गए हम तो, ऐसे जीवनसाथी को पाकर !
उसकी सम्मान की खातिर में अम्बर भी शीश नवायेगा। उसकी सम्मान की खातिर में अम्बर भी शीश नवायेगा।
और ज़िंदा हो तुम अगर तो सवाल कोई नहीं हैं क्यों, नहीं जानता कौन हूं मैं, नहीं जानता और ज़िंदा हो तुम अगर तो सवाल कोई नहीं हैं क्यों, नहीं जानता कौन हूं मैं, ...
पाकिस्तानी लोगों द्वारा हिंसा आतंक ही सुरक्षित होगा। पाकिस्तानी लोगों द्वारा हिंसा आतंक ही सुरक्षित होगा।
या प्रण लेकर इसका अन्त होगा फैसला आपका है क्योंकि समाज भी आपका है। या प्रण लेकर इसका अन्त होगा फैसला आपका है क्योंकि समाज भी आपका है।
यार - दोस्त ऊके बूझन लागे, क्या पै हुई तकरार थारी, यार - दोस्त ऊके बूझन लागे, क्या पै हुई तकरार थारी,
जहां सिसकती राख चिता की वहीं ईद-दिवाली आज साथ मना लें। जहां सिसकती राख चिता की वहीं ईद-दिवाली आज साथ मना लें।
लगता है मुझको हर पल, देश अपनी ज़िम्मेदारी है। लगता है मुझको हर पल, देश अपनी ज़िम्मेदारी है।
बदलाव की उम्मीद भी मिटनी नहीं अब चाहिए। बदलाव की उम्मीद भी मिटनी नहीं अब चाहिए।
ईमानदारी और निष्ठा की भावना से हर एक को एक से दिल से मिलाएं। ईमानदारी और निष्ठा की भावना से हर एक को एक से दिल से मिलाएं।