गर्मी की एक शाम लोड-शेडिंग के कारण गर्मी से निज़ात पाने मैं अपने बरामदे की सीढ़ीयों पर आ कर बैठा ही था... गर्मी की एक शाम लोड-शेडिंग के कारण गर्मी से निज़ात पाने मैं अपने बरामदे की सीढ़ीयो...
धूल उड़ती है क्षितिज ओझल है, तेरी यादों के हैं लश्कर निकले....... धूल उड़ती है क्षितिज ओझल है, तेरी यादों के हैं लश्कर निकले.......
सब कुछ सही-सही, साफ़-साफ़, उसे मैंने समझाया, पेड़ हो, पेड़ की तरह रहना, बढ़ो, फलो, फूलो, करो जो ... सब कुछ सही-सही, साफ़-साफ़, उसे मैंने समझाया, पेड़ हो, पेड़ की तरह रहना, बढ़ो,...
तुम आगोश में अपनी थामों सुबह शाम जब बहती है शंखनाद सी गुँजें ढूँढे चलो एक दूजे को आरती ओर अज़ानो... तुम आगोश में अपनी थामों सुबह शाम जब बहती है शंखनाद सी गुँजें ढूँढे चलो एक दूज...
कभी पहुँच जाता है कोई अंजाम तक तो किसी को रास्ता ही नहीं मिलता। कभी पहुँच जाता है कोई अंजाम तक तो किसी को रास्ता ही नहीं मिलता।
पत्ते-पत्ते बतायेंगे जुआरी के हाथ में खुजली कहाँ होती थी कहाँ फटा था बवाई कहाँ दरकी थीं रेखाएँ पत्ते-पत्ते बतायेंगे जुआरी के हाथ में खुजली कहाँ होती थी कहाँ फटा था बवाई कह...