तुम आगोश में अपनी थामों सुबह शाम जब बहती है शंखनाद सी गुँजें ढूँढे चलो एक दूजे को आरती ओर अज़ानो... तुम आगोश में अपनी थामों सुबह शाम जब बहती है शंखनाद सी गुँजें ढूँढे चलो एक दूज...
ढूंढता रहा तुम्हे बहती व्यास के किनारे। बहुत देर तक बैठा रहा उस चिनार के नीचे, जो तुम्हारे घर ... ढूंढता रहा तुम्हे बहती व्यास के किनारे। बहुत देर तक बैठा रहा उस चिनार के नीचे...
कभी चिनार सी, कभी झेलम सी हैं, पर, उसकी हर-एक बात रेशम सी है। कभी चिनार सी, कभी झेलम सी हैं, पर, उसकी हर-एक बात रेशम सी है।
इस कविता में चिनार के पत्ते को मोहब्बत की निशानी दिखाई है. एक सूखा हुआ पत्ता जो एक प्यार करने वाले न... इस कविता में चिनार के पत्ते को मोहब्बत की निशानी दिखाई है. एक सूखा हुआ पत्ता जो ...
कितना सुन्दर हमारा है कश्मीर, इसे अब देखने का इरादा है जहां ओढ़े पहाड़ दुशालें हो ओस के हो बिछे... कितना सुन्दर हमारा है कश्मीर, इसे अब देखने का इरादा है जहां ओढ़े पहाड़ दुशाल...