इरादा है
इरादा है
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कितना सुन्दर हमारा है कश्मीर,
इसे अब देखने का इरादा है
जहां ओढ़े पहाड़ दुशालें हो
ओस के हो बिछे गलीचे
जहां झीलों की लहरों में बसे घुंघरू
लगे फूलों के हो जहां बिस्तर
लेके बहती पवन भी खुशबू संग, जीवन सबका वहां पे सादा है...
यहां पीरों का आशियाना है
देवी का भी यहां ठिकाना है
केसर होती जहां है खेतो में
बर्फ ओढ़ी जहां चट्टानों ने
कितने वीरो ने जान अपनी दी
मिलती सुनने को सबकी गाथा है...
कैसे करते फरिश्ते रखवाली
हर तरफ सेवो की है लाली
जहां केसर की कितनी क्यारी है
सबकी बोली बहुत ही प्यारी है
कैसे सुंदर यहां चिनार लगे,
जैसे बरसों से इनसे नाता है