वीरगति जो तूने पाई, श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँगी। वीरगति जो तूने पाई, श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँगी।
देखो बुद्ध की मुस्कान नई है पंडितों के हृदय की झनकार नई है छूटे आंगन में वो कली खिली है देखो बुद्ध की मुस्कान नई है पंडितों के हृदय की झनकार नई है छूटे आंगन में...
देख के तेरी मोहिनी सूरत तन मन हर्षा जाए। देख के तेरी मोहिनी सूरत तन मन हर्षा जाए।
सुगंध से करे सब को अभिभूत सुगंध से करे सब को अभिभूत
बसंत आया हर द्वार है स्वागतम् बसंत हर बार है। बसंत आया हर द्वार है स्वागतम् बसंत हर बार है।
सूरज, चाँद, सुनहरा किरण, सुनर सुखद बेयार। सूरज, चाँद, सुनहरा किरण, सुनर सुखद बेयार।