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SHWETA GUPTA

Abstract

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SHWETA GUPTA

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एक पत्र

एक पत्र

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प्रिय पुत्र,

शुभाशीष


रणभूमि जाने से पहले,

केसर तिलक लगाऊँगी।


जहाँ- जहाँ तेरे कदम पड़ेंगे,

वहाँ मैं फूल खिलाऊँगी।


वादा तुझसे यह करती हूँ,

मैं न अश्क बहाऊँगी।


वीरगति जो तूने पाई,

श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँगी।


गौरवान्वित

भारत माँ।


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