SHWETA GUPTA
Abstract
प्रिय पुत्र,
शुभाशीष
रणभूमि जाने से पहले,
केसर तिलक लगाऊँगी।
जहाँ- जहाँ तेरे कदम पड़ेंगे,
वहाँ मैं फूल खिलाऊँगी।
वादा तुझसे यह करती हूँ,
मैं न अश्क बहाऊँगी।
वीरगति जो तूने पाई,
श्रद्धा सुमन चढ़ाऊँगी।
गौरवान्वित
भारत माँ।
वह कौन?
दो सौ वर्ष
गुल्लक
प्रकृति माँ क...
मैं मोदी हूँ
अभिमन्यु के उ...
गर्मी की छुट्...
मैं सैनिक नही...
क्या यह विकास...
वंदे मातरम्
एक सांस्कृतिक घटना की पहचान बनाई, हतप्रभ हैं सब, बोस के पास ऐसी तूलिका कहाँ से आई॥ एक सांस्कृतिक घटना की पहचान बनाई, हतप्रभ हैं सब, बोस के पास ऐसी तूलिका क...
चाय की प्याली के बहाने--- जिंदगी से मुलाकात की तैयारी है। चाय की प्याली के बहाने--- जिंदगी से मुलाकात की तैयारी है।
सबसे पहले तुम मतदान करो। फिर घर आकर ही जलपान करो। सबसे पहले तुम मतदान करो। फिर घर आकर ही जलपान करो।
काली, घनी, रेशम जुल्फें मेघ को लजातीं तन आभा, सेनापति, सैलानी बतातीं। काली, घनी, रेशम जुल्फें मेघ को लजातीं तन आभा, सेनापति, सैलानी बतातीं।
हिंसा मानव छोड़ दे, वृत्ति अहिंसक राग हो। प्रेमभाव के पुष्प से, सुरभित मानव भाग हो॥ हिंसा मानव छोड़ दे, वृत्ति अहिंसक राग हो। प्रेमभाव के पुष्प से, सुरभित मानव ...
हवा का झोंका बन उड़ जाने दो आज रोको ना इनको आज इन्हें बह जाने दो हवा का झोंका बन उड़ जाने दो आज रोको ना इनको आज इन्हें बह जाने दो
हिंसा शक्ति का प्राय कभी हो नहीं सकती प्रेम की ताकत के है दुनिया झुकती। हिंसा शक्ति का प्राय कभी हो नहीं सकती प्रेम की ताकत के है दुनिया झुकती।
फैला दूर तलक तक है, कहीं नीला, कहीं आसमानी, कहीं हरा समुन्द्र है। फैला दूर तलक तक है, कहीं नीला, कहीं आसमानी, कहीं हरा समुन्द्र है।
तो पूछ रहे होते हैं कहा़ँ बरसूं कितना बरसूं कब बरसूं तो पूछ रहे होते हैं कहा़ँ बरसूं कितना बरसूं कब बरसूं
कब तक जीयोगे तुम डर डर कर, जियो तुम डर से ऊपर उठकर। कब तक जीयोगे तुम डर डर कर, जियो तुम डर से ऊपर उठकर।
दूध में मिलावट ,घी में मिलावट , मिलावट है हर खाने पीने में । दूध में मिलावट ,घी में मिलावट , मिलावट है हर खाने पीने में ।
बस एकबार गले लगाके दो पल का प्यार ही दे दे। बस एकबार गले लगाके दो पल का प्यार ही दे दे।
वह अजीब तरह से म्याऊं कहती, अपने आप ही डरावनी बन जाती। वह अजीब तरह से म्याऊं कहती, अपने आप ही डरावनी बन जाती।
आज ये वादा इस आईने से कर। आज ये वादा इस आईने से कर।
क्यों तुमसे मैं वफ़ा रहूँ , तू नहीं वफ़ा जब मुझसे यहाँ। क्यों तुमसे मैं वफ़ा रहूँ , तू नहीं वफ़ा जब मुझसे यहाँ।
चल मेरे दिल कहीं दूर चल पकड़ें कोई अनजान डगर। चल मेरे दिल कहीं दूर चल पकड़ें कोई अनजान डगर।
वक़्त से पहले मर गए यह उनकी मजबूरी थी। वक़्त से पहले मर गए यह उनकी मजबूरी थी।
तुम ऐसा कोई काम करो तुम ऐसा कोई काम करो।। तुम ऐसा कोई काम करो तुम ऐसा कोई काम करो।।
क्योंकि ये केवल चित्र नहीं कुछ संकेत है हमे समझाने को। क्योंकि ये केवल चित्र नहीं कुछ संकेत है हमे समझाने को।
और इसी असफलता ने जीवन को सफल बना दिया। और इसी असफलता ने जीवन को सफल बना दिया।