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pooja nathawat

Inspirational

5.0  

pooja nathawat

Inspirational

भोर नई है

भोर नई है

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तेज नया है

भोर नई है


भारत का अभिमान नया है

ये हवाओं में केसर घुली है

नदियों में सिंधु मिली है


देखो बुद्ध की मुस्कान नई है

पंडितों के हृदय की झनकार नई है

छूटे आंगन में वो कली खिली है

पुरखों के घर की फ़िर नींव डली है


अब पूर्ण हुई आज़ादी 

१५ अगस्त का त्यौहार नया है

जन गण मन का गान‌ नया है

वो जन मन का सम्मान नया है


माँ के ज़ख्म भर गए 

अब फिर से मुकुट संवारा है

देखो इस आभा को 

आज माँ का श्रृंगार नया है


जयकारों का जोश नया है  

'वंदे मातरम् 'का दिग्घोष नया है  


भारत माता की जय 



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